Saturday 25 July 2015

हम सब फिलीस्तीन, हम सब भारतीय


वे सब फिलीस्तीनियों के साथ हैं:
---जो मानव जीवन की पवित्रता में यकीन रखते हैं
---जो नस्लीय और धार्मिक भेदभाव सहित भेदभाव के किसी भी रूप के खिलाफ हैं
---जो मनुष्य द्वारा मनुष्य के और राष्ट्र द्वारा राष्ट्र के शोषण के खिलाफ हैं और इस नाते साम्राज्यवाद को मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन मानते हैं
---जो इस्राइली हमले, आतंक और अतिक्रमण से मुक्त एक संपूर्ण, समग्र तथा संप्रभु फिलीस्तीन के पक्ष में हैं
---जो संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रस्तावों, मेड्रिड सिद्धांत व अरब शांति पहल के साथ हैं
---जो यह मानते हैं कि युद्ध केवल तबाही और विनाश ही लाता है और हथियार-उद्योग को ही पालता -पोसता है, इसलिए एक टिकाऊ शान्ति के लिए हथियार-मुक्त विश्व का निर्माण करना जरूरी है
---जो दो राष्ट्रों के बीच युद्ध में किसी भी रूप में नागरिकों पर हमलों के खिलाफ हैं
फिलीस्तीन पर इस्राइली हमलों के खिलाफ विश्व-व्यापी विरोध प्रदर्शनों से यही बात साबित होती हैं कि इन विश्वासों पर जीने वाले लोगों का ही विश्व में बहुमत है. इसीलिए फिलीस्तीन जीतेगा, इस्राइल हारेगा.
भारतीय जनता का बहुमत भी फिलीस्तीनियों के साथ ही हैं, इसलिए केन्द्र में काबिज भाजपा/आर-एस-एस की सरकार को अपने रूख पर पुनर्विचार करना चाहिए. ब्रिक्स सम्मलेन में पारित भावनाओं का उसे सम्मान करना चाहिए, वरना इतिहास के कूड़ेदान में ही इन लोगों का भविष्य पड़ा मिलेगा.

No comments:

Post a Comment