Saturday 25 July 2015

किसके सपनों का भारत बनाना चाहते हैं मोदी ?

किसके सपनों का भारत बनाना चाहते हैं मोदी ?....अमेरिकी नागरिकता प्राप्त धनकुबेर भारतवंशियों का या भारत के गरीब नागरिकों का ?
फेंकू महाराज, 17-18 लाख करोड़ के केन्द्रीय बजट में 6 लाख करोड़ रुपयों के टैक्स की छूट किसको दी गई है और मनरेगा के बजट में कटौती से किसको नुकसान होने वाला है ? जिस देश के वैज्ञानिक अपने यान को 4 रूपये प्रति व्यक्ति की लागत से मंगल की सैर करा देते है, उसी देश में तुम्हारी पेट्रोलियम कंपनियों की कृपा से इस देश के गरीब नागरिकों को 10 रूपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से सफ़र कराते थोड़ी-सी भी शर्म नहीं आती ?
फेंकू महाराज, गेरुआ कोट पहनने से अमेरिका में कोई आधुनिक विवेकानन्द नहीं बन जायेगा !!! विवेकानंद बनने के लिए विवेक की जरूरत होती है...उसी विवेक की, जो स्वामी विवेकानंद की शोषित-उत्पीड़ित गरीबों के प्रति थी. उस नस्लीय भेदभाव के 'अविवेक ' की नहीं, जो तुम में कूट-कूट कर भरी हुई है. इस अविवेक का परिचय तो तुमने तभी दे दिया, जब सभा में उपस्थित लोगों को नवरात्रि की तो शुभकामनाएं दी, लेकिन ईद को भूल गए. क्या मुस्लिम तुम्हारी सभा में नहीं थे ? या अमेरिकी मुस्लिमों को भी तुमने ' पाकिस्तानी आतंकवादी ' मान लिया था ?? या फिर ये मुस्लिम तुम्हें दिखे ही नहीं ???
फेंकू महाराज, धर्म-निरपेक्ष अमेरिका में भी तुमने अपने साम्प्रदायिक चाल-चलन को दिखाकर इस देश की गरिमा को गिराने का ही काम किया है.

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